मन की वास्तविक रचना।


                                मन की वास्तविक रचना

इंसान को ये अच्छे से पता है कि जो वह मन में सोच रहा है। उस बात का पता किसी को नही चलेगा। इसीलिए इंसान व्यवहार में अच्छी बातें करता है और मन में कुछ और सोचता है।
लेकिन क्या सच में ऐसा है कि इंसान जो मन में सोचता है उस बात को कोई नही जान सकता???

क्या हो, अगर जो आप मन में सोच रहे हो। उसका सीधा प्रसारण चल रहा हो। आपके मन की बात सब जान रहे हो।



फिर आपका दिखावा और आपके मन में चल रही बातें सबको पता होंगी। और आपका किरदार और आपका पाप पुण्य सारी दुनिया जान रही होगी।

सच क्या है? यह मैं नही बता सकता लेकिन इंसान अपने मन को तिजोरी की तरह समझता है कि उसमें जो सोचेगा उसका किसी को पता नही चलेगा। लेकिन वो तिजोरी ना होकर कैमरा हो, जिसका प्रसारण सब देख रहे हो??

सोचिये.... और देखिए कि आप अपने मन में क्या सोचते है और व्यवहार में क्या कहते है?

एक कदम वास्तविकता की ओर.....

लेखक : योगेन्द्र सिंह
  
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मुखौटा के पीछे हकीकत का चेहरा।

हर इंसान अपने दिल के अहसासों को, जज्बातों को छुपाकर रखता है, खुद की हकीकत को छुपाकर, एक मुखौटा लगाए घूमता है इंसान। लेकिन किसी के प्यार में पड़कर,खुद को खो देने वाला इंसान अपना मुखौटा उस सख्स के सामने उतार देता है जिस पर वो भरोसा करता है और उस इंसान से प्यार करता है। इंसान जिसके सामने अपना मुखौटा उतारता है ,वो सख्स वापस प्यार में नही पड़ता। फिर होता कुछ यूँ है कि एक इंसान प्यार में पड़कर अपना मुखौटा उतार पाने जज्बात बयां कर देता है और दूसरा इंसान अपना मुखौटा लगाए रहता है। जिससे एक इंसान को मिलता दुख प्यार का। फिर शुरू होती है शुरुआत नफरत की प्यार नाम से। मुखौटा लगाने वाला इंसान खुद मजबूर होकर अपना मुखौटा उतार देता है और यही उम्मीद दूसरों से करता है। मुखौटे की इस दुनिया में असल चेहरा देखना मुश्किल है। खुद मजबूर होकर अपना मुखौटा उतारने वालों की कहानी भी अलग है। तुमने अगर मुखौटा उतार दिया अपनी भावनाओं में वह कर और कोई दुख देकर चला गया। लेकिन बात बस इतनी सी है तुमने भी तो बहुत लोग के चेहरे बिना मुखौटे के देखें होंगे और खुद तुमने अपना मुखौटा नही उतारा होगा। दुख उसे भी हुआ होगा, फर्क तुम्हे भी नही पड़ा होगा।
दिखावटी दुनिया में मुखौटा लगाना आम रिवाज है। लेकिन जब कोई इंसान अपनी खुशी से अपनी भावनाएं किसी के सामने रखता है बिना किसी मुखौटे के,तब कोई उसकी कद्र ना करे तो उसे भी बहुत दुख होता है जिसने खुद किसी की भावनाओं की कद्र नही की। वो कहते है ना कि अपना दुख बड़ा लगता है,फिर चाहे वही दुख हमने किसी को क्यों ना दिया हो। मुखौटे की इस दिखावटी दुनिया में प्यार की भावनाओं में बहकर इंसान खुद को असल में दूसरे को दिखाता है। जैसा वो है। और यकीन मानिए हर इंसान अच्छा ही है। बस किसी को प्यार होता है और किसी को नही। देखों दुनिया में किसने अपना मुखौटा हटाया और किसने नही।

  - योगेन्द्र सिंह
   
© Yogendra Singh | 2021

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मनुष्य के जीवन में सुख-दुःख क्यों आता है?

मनुष्य के जीवन में सुख-दुःख क्यों आता है?



संसार में रहने वाले हर मनुष्य के जीवन में सुख-दुःख का आगमन जरुर होता है। जब सुख आता है तब इंसान कभी यह नही सोचता कि उसे ये सुख क्यों मिल रहा है? लेकिन जब उसे दुःख होता है तो वो यह जरुर सोचता है कि उसे दुःख क्यों हो रहा है?

सुख इतनी सासामान्य सी बात लगती है कि कोई उसके विषय में जानना ही नही चाहता कि

मैं से मैं तक का सफर-a spiritual journey

इस संसार में मैं का बहुत महत्व है। इस मैं को अहंकार माना जाता है। इसी कारण हर इंसान अहंकार से बचने का प्रयास करता है। इसी कारण मैं शब्द  कम ही इस्तेमाल किया जाता है या बहुत ही कोमलता से इस्तेमाल किया जाता है। जिससे किसी को ये ना लगे की मुझमें अहंकार है। लेकिन मैं कहना सच में

जीवन में गुरु की आवश्यकता।

जब भी इंसान के मन में सीखने का ख्याल आता है तब उसे गुरु की जरूरत पड़ती है। गुरु...जो उस कार्य में परिपक्व हो और जो उस कार्य को सिखाने के लिए तैयार हो। इंसान अपने बचपन से ही कुछ ना कुछ सीखता ही है। फिर चाहे वो पढ़ाई करना हो या कोई और कार्य हो। दुनियावी सभी कार्य मनुष्य सीखता है। इन सभी कार्यों के लिए इंसान अपनी तरफ से रुपये पैसे भी देता है। ऐसा इसीलिए है क्योंकि

कैसे जाने आप हीरो है या विलन? | you are a hero or a villain?

 कैसे जाने आप हीरो है या विलन? | you are a hero or a villain?



दुनिया एक रंगमंच है यह बात बिलकुल सही है। यहाँ लोग किरदार निभाते है। किरदार अच्छा भी होता है और बुरा भी।

मान लो... अगर यह दुनिया एक फिल्म की तरह है तो आप अपना किरदार किस तरह का रखना चाहोगे?

ज्यादातर लोगों का जवाब आएगा कि वो इस फिल्म में खुद को हीरो की तरह पेश करना चाहेंगे। हर व्यक्ति खुद को अच्छा और

कुछ बातें जो जानना जरूरी है। | qoutes and important things to know

कुछ बातें जो जानना जरूरी है। | qoutes and important things to know


1.
 सफलता पर ताला कौन लगाता है?? जो सफलता की चाबी की जरूरत पड़ती है।
सोचो....

2.
दुनिया में हर इंसान खुद को अच्छा इंसान मानता है, तो फिर बुरा कौन है?
सोच

3.
 भले ही लोगों में अहंकार हो, लेकिन

जीवन क्या है? ईश्वर का वरदान या युद्ध का मैदान?

मनुष्य का जीवन एक पहेली मात्र ही है। जो इस पहेली को सुलझा लेता है, वही इंसान सहज जीवन को प्राप्त कर लेता है। लेकिन इस संसार में सहजता की परिभाषा को कमजोरी के साथ जोड़ा गया है। जो कि बिल्कुल भी ठीक बात नही है। संसार में आने वाले हर इंसान को बताया जाता है कि किस तरह जीवन में लड़कर कर जीत हासिल करनी है। जैसे कि मानो जीवन, जीवन ना हो एक युद्ध हो। और युद्ध में कोई व्यक्ति किस

कैसे जाने दूसरों के मन की बात?

 नमस्कार दोस्तों, मैं समझ सकता हूँ कि आप यहाँ क्या जानने आएं है? आप जरुर यह जानने आयें होंगे कि किसी दूसरे इंसान के मन की बात को कैसे जाना जाएँ यह वो कला है जिसे इस संसार में बहुत लोग सीखना चाहेंगे,  लेकिन सब कुछ जानने के बाद भी लोग सीखना नहीं चाहते  हमारी इस दुनिया में हम दूसरों को कितना जानते है? अगर यह सवाल हम खुद से पूछे तो यह जान पायेंगे कि

दुनियां में इंसान।।

आज का इंसान… चेहरा मासूमियत का, दिमाग चालाकी का, और दिल लालच का। समझदार होना भूल चुका है, अब चालाक और फरेबी होना ही “अक्ल” कहलाने लगा है। या...